मैं वही हिंदू हूँ



मैं वही हिंदू हूँ
   पी.रवींद्र नाथ

जाति-धर्म हीन समाज का
सर्व धर्म मान्य अनादि का
लोक हितकारि उसी हिंदू मैं ।
ऊँच-नीच,अमीर-गरीब का
भेद-विभेद नहीं कहीं का
मिल-जुल रहते जन-जन वहीं
लोक हितकारि उसी हिंदू मैं ।
समता-ममता पूरित जीवन
फूलता-फलता मस्तक पावन
सभ्य समाज संसार में महान
लोक हितकारि उसी हिंदू मैं ।
आस्तिक-नास्तिक का भेद नहीं
दीन-हीन,पीड़ित जन कोई नहीं
स्वतंत्र वायु का सेवन करते
आजादी का अखंड आनंद लेते
लोक हितकारि उसी हिंदू मैं ।
मंत्र-तंत्र का अंध विश्वास नहीं
धर्म के नाम पर अनाचार नहीं
वर्ण-वर्ग जातीय अभिमान नहीं
हिंदू समाज की गरिमा यहीं
लोक हितकारि उसी हिंदू मैं ।

सहोदर समन्वय सभी मानव का
विश्व कल्याण की भव्य भावना
मानवता के महानतम गुणों का
आभूषित मानवीय मूल्यों का
लोक हितकारि उसी हिंदू मैं ।



Comments

Popular posts from this blog

తెలుసుకుందాం ...చండాలులు ఎవరు? ఎలా ఏర్పడ్డారు?

दलित साहित्य क्या है ?