मैं...मैं हूँ ।
मैं...मैं हूँ ।
सत्य के साथ जुडता
हूँ मैं
मानवता के साथ विचरता हूँ मैं
विशाल अंबर के तारे देखता हूँ मैं
कला की अखंडता समझता हूँ मैं
मानवता के साथ विचरता हूँ मैं
विशाल अंबर के तारे देखता हूँ मैं
कला की अखंडता समझता हूँ मैं
मेरा चिंतन-मनन
जाति विहीन समाज का
सभी जीव सुखी रहने का
जाति विहीन समाज का
सभी जीव सुखी रहने का
मनुष्य की कुटिलता
जाति संप्रदाय की जंजीरें ,
हेतुवादी माने या यथार्थवादी
हेतुवादी माने या यथार्थवादी
सुंदर वर्णों की
मधुमय भाषा
पदों का
गरिमामय लालित्य
भावों की तरल तरंग नहीं
नादान बच्चे माने
गरिमामय लालित्य
भावों की तरल तरंग नहीं
नादान बच्चे माने
यही सच है
ममता-समता का मानवतावादी हूँ मैं
ममता-समता का मानवतावादी हूँ मैं
शेर का चमडा पहनेवाले
के
भेडिये की पूँछ जोडनेवाले के
धमकी से डरता नहीं
शरीर पर उतना मोह भी नहीं
बाबासाहब के चित्र दिल में अंकित कर
चलता निराला मैं
भेडिये की पूँछ जोडनेवाले के
धमकी से डरता नहीं
शरीर पर उतना मोह भी नहीं
बाबासाहब के चित्र दिल में अंकित कर
चलता निराला मैं
मेरा मन....
पिंजडे का पक्षी नहीं..
स्वार्थ के हर छेद का
घुसके देखता मैं
पिंजडे का पक्षी नहीं..
स्वार्थ के हर छेद का
घुसके देखता मैं
विश्व की विशाल
शूनेपन में
मेरा असला रूप देखता
धरती के सवालों का
जवाब वहीं मानता मैं
मेरा असला रूप देखता
धरती के सवालों का
जवाब वहीं मानता मैं
मैं मैं हूँ
मैं
अपना विचार हूँ
गरिमा का मैं मैं हूँ ।
अपना विचार हूँ
गरिमा का मैं मैं हूँ ।
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