मैं कौन हूँ

 मैं कौन हूँ

मैं दौड हूँ
जीवन जीतने का
असलियत पहचानने का
तथ्य साबित करने का
मेहनत के चक्र पर
मैं दौड हूँ
वाद-विवाद नहीं,
सचाई का
जीवन साथी मेरा
मानव जीवन के इतिहास के
पन्नों की आँसुओं पर
आँख मिलाते
देखता हूँ
अन्याय की गाथाएँ
ये क्या जिंदगी रचा रे!
ईश्वर का नाम लेते
हमारी पीढियों का
हमारे परिजनों का
मनुष्य ,मनुष्य के बीच
खडा किया
असमानता की दीवारें
हजारों सालों से
उनके नीचे दबी हुई
मानवता पर
दृष्टि डालता मैं
जीवन मर्म की दिशा में
मैं दौड हूँ ।

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